उड़ान भरकर गायब हो गई थी ये फ्लाइट? 28 साल बाद पैसेंजर के घर पहुंचीं चिट्ठियां

3 नवंबर 1950 का दिन…एयर इंडिया की फ्लाइट 245 ने सहार इंटरनेशनल एयरपोर्ट बॉम्बे से सुबह उड़ान भरी.

प्लेन में 40 पैसेंजर्स और 8 क्रू मेंबर्स मौजूद थे. इस फ्लाइट को बॉम्बे से लंदन जाना था.

सफर काफी लंबा था इसलिए इस फ्लाइट को बीच रास्ते पहले काइरो फिर जेनेवा में भी रुकना था. यह L-749A मॉडल का प्लेन था. इसमें चार प्रोपेलर इंजन लगे थे.

धीरे-धीरे मौसम भी खराब होने लगा. इस सफर के दौरान इसे फ्रांस से होते हुए माउंट ब्लांक हिल से गुजरना था.

सफर के दौरान एटीसी लगातार प्लेन को गाइड कर रहा था. लेकिन अचानक एटीसी का संपर्क पायलट से टूट गया.

अमूमन जब फ्लाइट एटीसी (ATC) की रेंज से दूर हो जाए तो संपर्क टूट जाता है. लेकिन वापस रेंज में आ जाने पर दोबारा से संपर्क हो भी जाता है. मगर एयर इंडिया के केस में ऐसा नहीं हुआ.

एटीसी लगातार एयर इंडिया की फ्लाइट-245 से संपर्क करने की कोशिश करती रही लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं मिला.

ये खामोशी हादसे की ओर इशारा कर रहा था. इसलिए एक सर्च टीम को फ्लाइट की लोकेशन पता करने के लिए भेजा गया.

देखते ही देखते कई घंटे हो गए. लेकिन प्लेन का कुछ भी पता नहीं लगा. दो दिन तक प्लेन को मोंट ब्लांक की विशाल बर्फीली पहाड़ियों के बीच ढूंढा जाता रहा.

फाइनली प्लेन का कुछ हिस्सा सर्च टीम को मिल गया. यानि प्लेन यहीं कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

8 जून 1978 में फ्रांस के एक पुलिसवाले को चिट्ठियों का एक बंडल मिला. ये चिट्ठियां फ्लाइट-245 में सफर कर रहे एक यात्री की थीं, जो 28 साल पहले मर चुका था.

लेकिन बर्फ में दबी उसकी चिट्ठियां अभी भी सही सलामत थीं. इसलिए पुलिस वाले ने निर्णय लिया कि वो उन चिट्ठियों को यात्री के एड्रेस पर पोस्ट करेगा.

पुलिस वाले ने करीब 55 चिट्ठियां उस यात्री के एड्रेस पर पोस्ट कीं. यात्री के परिवार को जब ये चिट्ठियां मिलीं तो वे हैरान रह गए. 

उन्हें लगा कि उनके परिवार का वो सदस्य शायद जिंदा है. लेकिन बाद में उन्हें इसकी सच्चाई पता लग गई कि ये चिट्ठियां किसी पुलिसवाले को मिली थीं और उसी ने उन्हें पोस्ट किया है.