इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार भारत और पाकिस्तान समेत दक्षिण एशियाई देशों में बकरीद सोमवार 17 जून को मनाई जाएगी.
पाकिस्तान के अहमदिया समुदाय को इस मौके पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है. हर साल बकरीद पर उन्हें जानवर की कुर्बानी देने से रोकने की तमाम कोशिश की जाती है.
कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के तीन प्रमुख सदस्यों को एक महीने के लिए हिरासत में लिया था.
दरअसल, पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है. अहमदिया लोग खुद को मुस्लिम मानते हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें गैर-मुस्लिम घोषित किया हुआ है.
इस समुदाय के अनुसार मिर्जा गुलाम अहमद ने बीसवीं सदी की शुरुआत में इस्लाम के पुनरुत्थान का एक आंदोलन चलाया था. उनके अनुयायी खुद को अहमदिया मुस्लिम कहते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 22 करोड़ की आबादी में अहमदिया मुसलमानों की संख्या 40 लाख है. पाकिस्तान की स्थापना के वक्त अहमदिया समुदाय को भी मुस्लिम माना गया था.
लेकिन 1974 में एक संवैधानिक संशोधन से सरकार ने अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया. 1984 में एक कानूनी अध्यादेश पारित हुआ जिससे अहमदियों का खुद को मुसलमान बताना भी अपराध हो गया.