खुद को चिम्पांजी का निवाला बनते देखा, महिला की कहानी सुन हो जाएंगे रोंगटे खड़े
डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1994 में शोधकर्ता और जीवविज्ञानी एंजेलिक टॉड ब्रिटेन में केंट के पास पोर्ट लिम्प्ने चिड़ियाघर पार्क में काम कर रही थीं.
एक डॉक्युमेंट्री में बताया कि वह तीन सालों से इस चिड़ियाघर में स्वयंसेवा कर रही थीं. इस दौरान बुस्टाह नामक 33 वर्षीय चिम्पांजी के साथ उनकी काफी अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी.
एंजेलिक के अनुसार, चिम्पांजी चिड़ियाघर के सबसे खतरनाक जानवरों में से एक हैं. वे बेहद आक्रामक हो सकते हैं, इसलिए उनसे आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए.
उस खौफनाक दिन को याद करते हुए एंजेलिक ने बताया कि बुस्टाह से अच्छी बॉन्डिंग होने के बावजूद उसने उन पर जानलेवा हमला कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘उस दिन बुस्टाह खतरनाक मूड में था. मैं पिंजरे के पीछे से उसे खाना खिला रही थी, तभी उसने मेरी आस्तीन पकड़ ली.’
एंजेलिक चिम्पांजी की ताकत के आगे असमर्थ हो गईं. वह कहती हैं, ‘मैं खुद को जिंदा निवाला बनते हुए देख रही थी.’ चिम्पांजी ने उनके अंगूठे और तर्जनी अंगुली की काट लिया.
यही नहीं, धमनियों को भी खींचकर खाने लगा. फिर किसी तरह वे बुस्टाह की क्रूरता से बच निकलीं.
एंजेलिक ने बताया कि इस हमले में उन्होंने बहुत अधिक मात्रा में मांसपेशियों को खो दिया. उनके हाथ के दोनों ओर अभी भी दांतों के घाव हैं.
लेकिन इस भयावह घटना के बाद भी बुस्टाह के प्रति एंजेलिक के मन में कोई नाराजगी नहीं थी. कई वर्षों बाद उन्होंने चिड़ियाघर छोड़ दिया, लेकिन जानवरों के साथ काम करना जारी रखा.
उन्होंने जीवविज्ञानी बनने के लिए अध्ययन किया और केंट की जगह अफ्रीकी जंगल में विश्व प्रकृति कोष के लिए शोधकर्ता बन गईं.
उन्होंने अब गोरिल्लाओं के साथ गहरा रिश्ता विकसित किया और उनके साथ जीने और उनकी भाषा सीखने में अपना समय बिताया.
उनके असाधारण काम और गोरिल्लाओं के साथ उनकी नजदीकी के कारण उन्हें ‘गोरिल्ला व्हिस्परर’ कहा जाता है.