100 साल बाद बनने जा रहा है अशुभ संयोग, भूल से भी ना करें ये काम

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वक्त आषाढ़ का महीना चल रहा है. इस साल आषाढ़ महीने का कृष्ण पक्ष 15 के बजाए 13 दिनों का है. 

ऐसा संयोग कई वर्षों बाद आता है जिसे ज्योतिष के जानकार दुर्योग काल बता रहे हैं. 

द्वापर युग में भी 13 दिनों का ऐसा ही अशुभ संयोग बना था जिसके परिणामस्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ. 

उस समय में भी अत्यधिक जनहानि और प्राकृतिक आपदाएं हुई थीं. कौरव और पांडवों के बीच युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अपार धन-हानि हुई थी. 

ज्योतिष के जानकार इस बार भी प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक पार्टियों में युद्ध जैसी स्थिति की आशंका जता रहे हैं.

पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ का महीना 23 जून से 5 जुलाई तक सिर्फ 13 दिनों का है. जिसमें प्रतिपदा और चतुर्दशी इन दो तिथियों का क्षय है.

किसी भी पक्ष में दो तिथियों के क्षय होने से एक पक्ष 13 दिनों का होता है. जिसे ज्योतिष में विश्वघ्रस पक्ष कहा जाता है.

ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि 13 दिनों के पक्ष में सृष्टि का संहार होता है. महाभारत काल जैसा यह दुर्योग शुभ नहीं है. 

इस दुर्योग काल में विनाश, आपदा और आपातकालीन जैसी स्थिति का निर्माण हो सकता है. 

ज्योतिष शास्त्र के जानकार बता रहे हैं कि कलयुग में यह दुर्योग काल 100 साल बाद बना है. 

ऐसे में इस दुर्योग काल में भूल से भी किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. 

दुर्योग काल में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ (यज्ञोपवीत संस्कार) जैसे शुभ व मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए.