मुगलों की बनाई आखिरी निशानी है ये महल, बड़ा दिलचस्प है इसका इतिहास

प्राचीन इतिहास को जानने की इच्छा रखने वाले लोगों को अक्सर ऐतिहासक इमारतों को लेकर बहुत सी जिज्ञासा मन में होती है. 

पानीपत के युद्ध (1526) में इब्राहिम लोदी को हराने के बाद बाबर ने हिंदुस्तान में मुगर साम्राज्य की नींव रखी थी. 

अगले 250 सालों तक मुगल साम्राज्य के कई शासक हुए. इस दौरान उन्होंने हिंदुस्तान में कई स्मारक बनवाए. 

ताज महल, लाल किला जैसे मुगर आर्कटेक्चर तो आप जानते होंगे. लेकिन क्या आपको मुगलों का बनाया आखिरी स्मारक पता है? 

आज हम भारत की एक ऐतिहासिक इमारत जो मुगलों की आखिरी इमारत कही जाती है उसी से जुड़ी प्राचीन कहानियों के बारे में आपको रूबरू करवाएंगे.

दिल्ली के एक ऐसा किला जिसकी अपनी अनोखी कहानी है, जिसे बहादुर शाह जफर के काल में बनवाया गया था.जफर महल दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है. 

मुगलकाल में कई ऐसी इमारत हैं, जिनके नाम लोग जानते भी नहीं हैं, उन्हीं इमारतों में एक जफर महल भी है.

इसका निर्माण मुगल काल खत्म हो जाने पर किया गया था. कुछ लोग तो इसे जीनत महल या लाल महल के नाम से भी जानते है.

जफर महल आखिरी मुगल स्मारक माना गया है, यही इस महल की खासियत है, यह महल तीन मंजिला है, इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया है.