वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. यह बजट एक पूर्ण बजट है.

इस खास मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एक बार देश का बजट ही लीक हो गया था. हालांकि, इस घटना के कई दशक गुजर गए हैं. का है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1950 में संसद में पेश होने से पहले ही देश का बजट लीक हो गया. इस मामले की वजह से पूरे देश में हंगामा हो गया.

दरअसल, 1950 के केंद्रीय बजट का एक हिस्सा छपाई के दौरान लीक हुआ था. तब छपाई राष्ट्रपति भवन में होती थी.लेकिन जब बजट लीक हुआ तो फैसला किया गया कि अब बजट नई दिल्ली के मिंटो रोड पर स्थित प्रेस में होगी.

ये छपाई 1979 तक हुई.इसके बाद साल 1980 से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिटिंग प्रेस में होने लगी.आज भी बजट छपता है.

हालांकि, तत्कालीन वित्त मंत्री मथाई को बजट लीक के बाद इस्तीफा देना पड़ा था, क्योंकि उन पर उच्च शक्तियों और संपन्न लोगों के हितों की सेवा करने का आरोप लगा था.

1950 का बजट ऐतिहासिक था.यह पहला ऐसा बजट था जिसमें सरप्लस था. इसमें प्राप्तियां 347.5 करोड़ रुपये और खर्च 337.88 करोड़ रुपये था.

बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी होती है. इस सेरेमनी के बाद नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में यानी जहां प्रिंटिंग प्रेस लगी है, वहां वित्त मंत्रालय और बजट से जुड़े करीब 100 कर्मचारी कैद हो जाते हैं.

ये कर्मचारी कुछ दिनों के लिए कड़ी सुरक्षा में यहीं रहते हैं. जब वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश हो जाता है, तब इन कर्मचारियों को अनुमति मिलती है कि वह अपने परिवार वालों से संपर्क कर सकते हैं.

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बजट पहले की तरह फिर से लीक ना हो जाए. हालांकि, चीजें अब आधुनिक हो रही हैं.