इस जगह पर आज भी मौजूद है भगवान शिव का त्रिशूल, जानें जगह का नाम
जम्मू से 120 किलो मीटर दूर पटनीटॉप के पास सुध महादेव (शुद्ध महादेव) का मंदिर स्थित है
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यहां पर एक विशाल त्रिशूल के तीन टुकड़े जमीन में गड़े हुए हैं जो कि पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वयं भगवान शिव के हैं
सुध महादेव मंदिर का निर्माण आज से लगभग 2800 वर्ष पूर्व बताया जाता है, जिसका पुनर्निर्माण लगभग एक शताब्दी पूर्व एक स्थानीय निवासी रामदास महाजन और उनके पुत्र ने करवाया था
इस मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग, नंदी और शिव परिवार की मूर्तियां हैं. पुराणों के आधार पर कहा जाता है कि माता पार्वती की जन्मभूमि मानतलाई थी
माता यहां अक्सर पूजा करने आया करती थीं. एक बार जब वह यहां पूजा-अर्चना करने आईं तो उनके पीछे-पीछे सुधान्त नाम का राक्षस भी आ गया. वह भी शिव भक्त था और पूजा करने आया था
माता पार्वती पूजा समाप्त होने के बाद नेत्र खोलती हैं, तभी अचानक अपने सामने दानव को देखकर उनकी चीख निकल जाती है. भगवान शिव के पास उनकी यह ध्वनि पहुंचती है
समाधि में लीन शंकर भगवान को लगता है कि माता पार्वती किसी मुसीबत में हैं और वह उनकी रक्षा के लिए अपना त्रिशूल फेंकते हैं.
त्रिशूल आकर दानव सुधान्त के हृदय में लगता है, जब शिवजी को पता चलता है कि उनसे अनजाने में बड़ी भूल हो गई है
इसके बाद शिव वहां प्रकट हुए और वह सुधान्त को पुनः जीवनदान देना चाहते थे, लेकिन अपने इष्ट देव के हाथों प्राण त्याग कर सुधान्त मोक्ष प्राप्त करना चाहता था
तब शंकर भगवान सुधान्त से कहते हैं कि आज से तुम्हारे नाम पर यह जगह सुध महादेव के नाम से जानी जाएगी
साथ ही शंकर भगवान ने उस त्रिशूल के तीन टुकड़े करके वहीं गाड़ दिए जो आज भी देखे जा सकते हैं
मंदिर परिसर में एक ऐसा स्थान भी है जहां पर बताया जाता है कि यहां पर सुधान्त दानव की अस्थियां रखी हुई हैं