इस देश में सिक्के या नोट नहीं बल्कि पत्थर से खरीदा जाता है सामान?

आपको जानकर हैरानी होगी कि 21वीं सदी में भी दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां पत्थर की करेंसी चलती है. यहां पत्थर से चीजों को खरीदा-बेचा जाता है.

सोशल मीडिया पर भी इस करेंसी की खूब चर्चा होती है. यहां कागज के नोट या धातु के बने सिक्के नहीं चलते हैं. मुद्रा के रूप में यहां पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है.

दुनिया में जब मुद्रा का चलन शुरू नहीं हुआ था, तो लोग बार्टर सिस्टम से चीजों को खरीदते थे. इस सिस्टम में खरीदे जाने वाले सामान के बदले कोई उतनी ही वैल्यू रखने वाला सामान दिया जाता था.

प्रशांत महासागर में स्थित यप द्वीप पर अभी भी पत्थर की करेंसी चलती है.

जहां एक तरफ इंसान चांद तक पहुंच गया है, वहीं दूसरी तरफ यप आईलैंड में आज भी पत्थर की मुद्रा का चलना वाकई हैरान करने वाली बात है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यप आईलैंड लगभग 100 स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. यप द्वीप में छोटे छोटे की गांव हैं और यहां की आबादी करीब 12 हजार है.

हर परिवार के पास पत्थर के रूप में करेंसी होती है, जिसपर परिवार का नाम भी लिखा होता है. गौरतलब है कि यहां करेंसी के रूप में छोटे से लेकर इंसानों जितने बड़े पत्थर हैं.

इन पत्थरों के बीच एक छेद बना होता है. पत्थर के वजन के साथ ही उसका मूल्य भी बढ़ता है. यानी जितना ज्यादा भारी पत्थर उतनी ज्यादा कीमत.

ज्यादा और भारी पत्थर वाला परिवार यहां अमीर माना जाता है. इस अजीबों-गरीब करेंसी की शुरुआत कैसे और कब हुई इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता है.

लेकिन माना जाता है कि पत्थर की करेंसी चलने के पीछे की वजह यप आईलैंड पर किसी बेशकीमती कच्चे माल या धातु का ना मिलना है.

इस आइलैंड पर सोना या कोयला भी नहीं पाया जाता है. सदियों से यहां चूना-पत्थर को ही करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.