भारत देश में कई ऐसे युवा संत है, जिन्होंने आईआईटी और आईआईएम जैसी बड़ी संस्थानों से डिग्री हासिल करने के बाद सबकुछ छोड़कर संन्यास ले लिया.

आचार्य प्रशांत- दिल्ली आईआईटी और आईआईएम से डिग्री प्राप्त करने के बाद आचार्य प्रशांत आध्यात्म की राह पर निकल पड़े.

अमोघ लीला प्रभु- इनका असली नाम आशीष अरोड़ा है. इन्होंने साल 2004 में आईआईटी से अपना ग्रेजुएशन किया. उसके बाद इस्कॉन से जुड़ गए.

स्वामी विद्यानाथानंद- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह रामकृष्ण संप्रदाय के भिक्षु बन गए.

संदीप भट्ट- बिहार के रहने वाले संदीप ने दिल्ली आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुस समय तक नौकरी की, लेकिन 2007 में उन्होंने संन्यास ले लिया.

संकेत पारेख- संकेत पारेख ने आईआईटी बॉम्बे से स्नातक करने के बाद जैन मुनि बन गए.

गौरांग दास- गौरांग दास ने आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद इस्कॉन से जुड़ गए.

अविरल जैन मुनि- इंजीनियर अविरल जैन आईटी सेक्टर में लाखों का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बन गए.

स्वामी मुकुंदानंद- दिल्ली स्थित आईआईटी और कोलकाता आईआईएम से पढ़ाई करने के बाद मुकुंदानंद गृहस्थ जीवन से संन्यास ले लिया.

रसनाथ दास- आईआईटी बॉम्बे से स्नातक करने के बाद रसनाथ दास ने एक कंपनी में कुछ दिनों तक काम किया, लेकिन फिर वो नौकरी छोड़कर भक्ति मार्ग पर चल पड़े.