हाइकिंग और ट्रैकिंग में होता है काफी अंतर, यहां जानें

अगर आप ट्रैवलर हैं तो आपको ट्रैकिंग और हाइकिंग में अंतर पता होना चाहिए.

ट्रैकिंग में टूरिस्ट लंबा रास्ता तय करते हैं और हाइकिंग में यह रास्ता छोटा हो जाता है. यह ट्रैकिंग और हाइकिंग में बेसिक फर्क है.

ट्रैकिंग के दौरान टूरिस्टों को ज्यादा शारीरिक गतिविधि करनी पड़ती है जबकि हाइकिंग में कम शारीरिक एफेक्ट करना पड़ता है, क्योंकि आपका रास्ता छोटा होता है.

ट्रैकिंग और हाइकिंग दोनों ही एक्टिविटी आनंद के लिए की जाती है जिसके दौरान आप शांति और सुकून से प्रकृति को करीब से देख पाते हैं और महसूस कर पाते हैं.

हाइकिंग एक दिन या आधे दिन की होती है जबकि ट्रैकिंग कई दिनों की होती है. ट्रैकिंग के दौरान आपको अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में कई दिन लग सकते हैं.

अगर आप बिगनर हैं तो आपको हाइकिंग करनी चाहिए और अगर आप नेचर वॉक में एक्सपर्ट हैं और पहाड़ों को चढ़ने,

उतरने और लंबे उबड़-खाबड़ रास्ते में चलने का आपको अनुभव है, तो आपको ट्रैकिंग करनी चाहिए.

ट्रैकिंग और हाइकिंग दोनों ही एक्टिविटी मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करती है. वैसे भी रोजमर्रा की जिंदगी के तनाव से दूर रहना बेहद जरूरी है.  

इतना ही नहीं ट्रैकिंग और हाइकिंग के जरिए आप क्रिएटिव भी बनते हैं.