उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मलवा थाना क्षेत्र के सौरा गांव के विकास द्विवेदी का नाम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. 

दरअसल, विकास दुबे का दावा था कि बीते 40 दिनों में उन्हें एक सांप ने 7 ने काटा है. हालांकि, अब मेडिकल जांच में कुछ और ही निकल कर आया है.

हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि विकास को सांप ने सिर्फ एक बार काटा. बाकी के 6 बार उन्हें सांप के काटे जाने का जो अहसास हुआ वो स्नेक फोबिया की वजह से था.

ऐसी घटना से चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर स्नेक फोबिया (Snake Phobia) होता क्या है और कैसे ये लोगों को बार-बार लगता है कि उन्हें सांप ने काट लिया या फिर सांप उन्हें काट लेगा.

क्या है स्नेक फोबिया ? फोबिया एक तरह की मानसिक बीमारी होती है जो इंसान के मन में किसी चीज को लकर डर पैदा करती है. फोबिया की सबसे मुख्य वजह अनुवांशिकी (Genetics) है.

अगर किसी इंसान को स्नेक फोबिया हो जाए तो उसे हर जगह सांप का डर सताएगा. उसे रस्सी भी सांप की तरह दिखाई देगी. 

स्नेक फोबिया वाले मरीज को अगर कुछ चुभ जाए तो उसे लगेगा कि उसे सांप ने काट लिया. 

विकास दुबे के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था. जब उसकी मानसिक स्थिति की जांच की गई तो पता चला कि वह स्नेक फोबिया का शिकार हो गया है.

फोबिया के कारण डॉक्टर का कहना है कि यदि आपके परिवार में किसी को फोबिया की हिस्ट्री है तो इस बात की ज्यादा आशंका है कि आपको भी फोबिया विकसित हो जाए.

क्या है इसका इलाज डॉक्टर कहते हैं कि फोबिया का शुरुआती इलाज थैरेपी या काउंसिलिंग है. फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को समझाते हैं कि उसका डर अवास्तविक है. 

कई मामलों में दवाओं की जरूरत भी पड़ती है. डॉक्टर कहते हैं कि कई बार फोबिया के चलते कुछ लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं. इस केस में दवा देने की जरूरत पड़ती है.