पेरेंटिंग करना आसान काम नहीं है. बच्चों की बेहतर देखभाल से लेकर उन्हें हर अच्छी बुरी बात के बारे में समझाना पेरेंट्स के लिए मुश्किल टास्क होता है.
दरअसल, जो पेरेंट्स अपने बच्चों की जिंदगी में बहुत ज्यादा दखलअंदाजी करते है और हेलीकॉप्टर की तरह हमेशा सिर पर चढ़े रहते हैं, ऐसी पैरेंटिंग को हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग कहा जाता है.
हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग का इस्तेमाल सबसे पहले 1969 में डॉक्टर हेम गिनोट ने 1969 में अपनी किताब बिटवीन पेरेंट एंड टीएनजर में किया था.
एक स्टडी के मुताबिक, जिन बच्चों को हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग मिलती है, उनमें चिंता और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि ऐसे बच्चे बहुत ज्यादा इंट्रोवर्ट हो जाते हैं और दूसरों से मिलते जुलते भी नहीं है.