भारत में इस जगह पर महिलाओं को छाती ढकने के लिए देना पड़ता था टैक्स, जानें

केरल के त्रावणकोर में निचली जाति की महिलाओं को छाती ढंकने के लिए टैक्स देना होता था.

 इन महिलाओं के सामने अगर कोई अफसर, ब्राह्मण आता था, तो उसे अपने छाती से वस्त्र हटाने होते थे, इतना ही नहीं छाती ढकने के एवज में टैक्स देना होता था.

इसके अलावा किसी भी सार्वजनिक जगह पर उन्हें इस नियम का पालन करना होता था. त्रावणकोर में इस टैक्स को बहुत सख्ती के साथ लागू किया गया था.

हालांकि जबरदस्त विरोध के बाद अंग्रेजों के दबाव में इस टैक्स को हटाना पड़ा था.

चेन्नई में पहला अंग्रेजी अखबार लांच करने वाली “मद्रास कुरियर” की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में निचली जाति की महिलाओं के लिए कड़े नियम बनाए गए थे.

इस नियम के मुताबिक महिला अगर अपनी छाती को ढंकती थी तो उनके स्तन के आकार पर टैक्स भरना होता था.

रिपोर्ट के मुताबिक ये आपत्तिजनक नियम और टैक्स त्रावणकोर के राजा के दिमाग की उपज थी, जिसे उसने अपने सलाहकारों के कहने पर सख्ती के साथ लागू किया था.

बीबीसी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स नहीं देने और आदेश को नहीं मानने वाली महिलाओं को सजा भी दी जाती थी.

इतना ही नहीं नांगेली नाम की एक निचली जाति की महिला ने इस अमानवीय टैक्स का जब विरोध किया था, तो सजा के तौर पर उसके स्तन काट दिए गए थे, जिससे उसकी मौत हो गई थी.

इस मौत के बाद निचली जाति के लोग एक हो गए थे और ईसाई महिलाओं समेत अन्य महिला इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगी थी.

इस दौरान उन्होंने अंग्रेजों और मिशनरियों में जाकर इस आपत्तिजनक कानून के बारे में बताया था. जिसके बाद अंग्रेजों के दबाव में आकर त्रावणकोर को इसे बंद करना पड़ा था.