केंद्रीय बजट किसी विशेष साल के लिए सरकार के अनुमानित राजस्व यानि सरकार की कमाई और सरकार के अनुमानित खर्च का वित्तीय विवरण यानि लेखा जोखा होता है.

आज़ादी के बाद देश का पहला बजट नवंबर 1947 में पेश किया गया था, जिसे 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर.के. शानमुखम चेट्टी ने पेश किया था. आज़ादी से पहले साल 1946 में भारत का बजट लियाक़त अली ख़ान ने पेश किया था जो डेढ़ साल बाद 1947 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने.

भारत के इतिहास में ऐसे तीन प्रधानमंत्री हुए हैं जिन्हें खुद ही देश का आम बजट पेश करना पड़ा है.

जवाहर लाल नेहरु (1958)- प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने 28 फरवरी 1958 को संसद में अपनी सरकार का बजट पेश किया.

कारण- उस वक्त के वित्त मंत्री रहे टीटी कृष्णामाचारी को जस्टिस चांगला कमीशन द्वारा करप्शन के लिए दोषी पाया गया था. जिसके चलते वित्तमंत्री को अपना इस्तीफा देना पड़ा था. जिसकी वजह से नेहरु को लोकसभा में बजट खुद ही पेश करना पड़ा.

इंदिरा गांधी (1970)- 29 फरवरी 1970 वो तारीख थी जब इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री बजट पेश किया.

कारण- 1969 में सरकार में रहे वित्तमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद इंदिरा गांधी को खुद वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी और वर्ष 1970 में उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए खुद बजट भी पेश किया.

राजीव गांधी (1987)- 28 फरवरी 1987 एक बार फिर वो तारीख बनी जिस दिन देश के प्रधानमंत्री ने देश का बजट पेश किया. इस बार बारी थी इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी की.

कारण- उस समय के वित्त मंत्री रहे वी.पी. सिंह ने राजीव गांधी से विवाद के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके चलते राजीव गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री 1987-88 के लिए लोकसभा में देश का बजट पेश किया.