भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) की लैंडिंग का सफल परीक्षण किया. इसका नाम पुष्पक है. 

इसरो का 'पुष्पक' विमान एक खास तरह का स्पेस शटल है जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और कार्गो ले जाने का काम करेगा.

पुष्पक' खुद ही सफल लैंडिंग करने में सक्षम है जिस कारण से इसका दोबारा इस्तेमाल हो सकता है. 

मार्च 2024 में ISRO, DRDO और भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टर से 15,000 फीट की ऊंचाई से ड्रॉप कर इसका सफल परीक्षण किया गया था।

उस समय चिनूक हेलिकॉप्टर से पुष्पक को 4.5 km की ऊंचाई से छोड़ा गया था. जिसके बाद यान ने खुद ही सफल लैंडिंग की. 

पुष्पक एक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल है. यह हवाई जहाज जैसा दिखता है. इसकी लंबाई 6.5 मीटर है और इसका वजन 1.75 टन है.

पुष्पक पूरी तरह से स्वदेशी है. कुछ साल में हमारे एस्ट्रोनॉट्स इसके बड़े वर्जन में कार्गो डालकर अंतरिक्ष तक पहुंचा सकते हैं. या फिर इससे सैटेलाइट लॉन्च कर सकते हैं.

इसकी खासियत है यह एक बार लॉन्च करने के बाद वापस भी आ सकता है इतना ही नहीं इसके जरिए किसी भी देश के ऊपर जासूसी करवा सकते हैं 

पुष्पक विमान से बिजली ग्रिड उड़ाना या फिर कंप्यूटर सिस्टम को नष्ट करना जैसे काम भी किए जा सकते हैं. ऐसे विमानों से डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) चला सकते हैं.

किसी सैटलाइट को उसके ऑर्बिट से वापस लाने में भी इस पुष्पक रॉकेट का इस्तेमाल किया जा सकता है स्पेस में फैले कचरे को इकट्ठा करके धरती पर लाने में भी यह काफी उपयोगी हो सकता है

रीयूजेबल रॉकेट होने से स्पेस एजेंसियां लॉन्चिंग में आने वाले खर्च को कई 10 गुना कम कर सकती हैं