यहां बीवियां होती हैं पैसों की इंचार्ज, पतियों को देती हैं पॉकेट मनी, जानें वजह
भारत में आज भी कई हिस्सों में ये चलन है कि पुरुष, अपनी आमदनी को घर की लक्ष्मी, यानी बीवियों या मांओं के हाथ में रख देते हैं.
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ भारत ही ऐसा देश नहीं है, जहां ऐसा रिवाज है. एक और देश ऐसा है, जहां पर बीवियां पैसों की इंचार्ज होती हैं और वो अपने पतियों को जेब खर्च या पॉकेट मनी देती हैं.
पतियों के खर्च पर रोक लगाने के लिए भी वो अलग-अलग तरह के कदम उठाती हैं.
साल 2012 की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि 74 फीसदी जापानी घरों के बजट महिलाएं ही मैनेज करती हैं, जबकि पुरुष सिर्फ पैसे कमाते हैं.
रिपोर्ट में 36 साल के योशिहीरो नोजावा का जिक्र किया गया था, जो नौकरी करते थे और सैलरी मिलते ही पूरे पैसे आकर अपनी बीवी को दे देते थे.
उसके बाद महीने की 15 तारीख को उनकी बीवी उन्हें पॉकेट मनी के रूप में 30 हजार येन दिया करती थीं जो आज के हिसाब से 16 हजार रुपये होता है.
जापान में पतियों को दी जाने वाली इस पॉकेट मनी को ‘कोजुकाई’कहते हैं. इसके जरिए वहां पर खर्चे करने की आदत को संचालित कहना उद्देश्य है, जबकि पतियों की प्रोडक्टिविटी भी इससे बढ़ाई जाती है.
pulse.ng वेबसाइट के अनुसार जापान में पति अपनी पत्नियों को 3 कारणों से पैसे देते हैं. पहला ये कि जापानी संस्कृति में पुरुष पैसे कमाते रहे हैं और महिलाएं घर के काम करती रही हैं.
घर मैनेज करने की वजह से घर के फाइनैंस को भी मैनेज करना महिलाओं की ही जिम्मेदारी हुआ करती थी.
दूसरा कारण है कि पूरे पैसे देने से पति-पत्नी में भरोसा और रिश्ते में पारदर्शिता आती है.
इस रिवाज को प्रैक्टिकल भी माना जाता है क्योंकि जब बीवी घर पर बच्चों के साथ होगी, तो उसे पैसे खर्च करने की या राशन आदि लाने की जरूरत पड़ सकती है. इस वजह से उसे रुपयों की जरूरत होती है.