मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिक आए दिन नई-नई खोज किया करते हैं. क्योंकि इस ग्रह की खासियत धरती से मिलती-जुलती है.
वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि ये निशान इस बात का संकेत हो सकते हैं कि अरबों साल पहले इस पत्थर में हुए रासायनिक रिएक्शनों की वजह से इस पर कुछ जीवाणु पनपे होंगे
वैज्ञानिकों ने इस पत्थर का नाम "चेयावा फॉल्स" रखा है, जिसमें कार्बनिक अणु और संरचनाएं हैं, जो माइक्रोबियल जीवन की ओर से बनाई गई हो सकती हैं.
यह पत्थर पर्सीवरेंस रोवर का 22वां सैंपल है. रोवर ने यह नमूना 21 जुलाई को इकट्ठा किया जब वह नेरेत्वा वालिस नाम की एक प्राचीन घाटी में खोज कर रहा था.
इस चट्टान का माप 3.2 फीट गुना 2 फीट है. करीब 400 मीटर चौड़ी यह घाटी तब बनी थी जब जेजेरो क्रेटर में पानी घुस आया था.