भारत की इस ट्रेन में TTE नहीं मांगता टिकट, सालों से फ्री में सफर कर रहे लोग

हम बात कर रहे हैं भाखड़ा-नंगल ट्रेन की. ये ट्रेन भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड द्वारा मैनेज की जाती है और इसे पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर भाखड़ा और नंगल के बीच चलाया जाता है.

भाखड़ा- नंगल बांध दुनियाभर में काफी चर्चित है. ये बांध सबसे ऊंचे स्ट्रेट ग्रैविटी डैम के तौर पर मशहूर है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से सैनानी आते हैं.

ये ट्रेन सतलज नदी से होकर गुजरती है और शिवालिक पहाड़‍ियों से होते हुए 13 किलोमीटर की दूरी को तय करती है.

इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों से किसी भी तरह का किराया नहीं वसूला जाता. जो भी सैलानी भाखड़ा- नंगल बांध देखने जाते हैं, वे इस ट्रेन की मुफ्त यात्रा का लुत्‍फ उठाते हैं.

इस ट्रेन को साल 1948 में शुरू किया गया था. इसकी खासियत है कि इसके कोच लकड़ी के बने हुए हैं और इसमें कोई टीटीई नहीं रहता है.

पहले ये ट्रेन स्टीम इंजन के साथ चलती थी, लेकिन बाद में इसे डीजल इंजन से चलाया जाने लगा. शुरुआत में इस ट्रेन में 10 कोच होते थे, लेकिन वर्तमान में इसमें सिर्फ 3 बोगियां हैं.

ये ट्रेन रूट पहाड़ों को काटकर डैम तक जाता है, जिसे देखने के लिए हर दिन सैकड़ों सैलानी आते हैं.

जिस ट्रैक से ट्रेन गुजरती है, उस पर तीन टनल हैं और कई स्‍टेशन हैं. हर रोज इस ट्रेन से करीब 800 लोग सफर करते हैं. सबसे ज्‍यादा स्‍टूडेंट्स इसकी यात्रा का लुत्‍फ उठाते हैं.