इस जगह है दुनिया का सबसे भारी शिंवलिंग, जानिए क्या है इसके पीछे का इतिहास 

हमारे देश में एक ऐसा अनोखा और इकलौता शिव मंदिर है जो न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व भर में मशहूर है.

यह शिव मंदिर गुजरात के सूरत में स्थित है. सूरत के शिव भक्तों के बीच पाल अटल आश्रम में पारदेश्वर महादेव का शिवलिंग काफी पॉपुलर है.

इस मंदिर की खासियत ये है कि यह शिवलिंग पूरी तरह से पारा से बना हुआ है. 

इस मंदिर में बने शिवलिंग का वजन 2,351 किलोग्राम है जो पूरी तरह से पारा से बना हुआ है. शिव भक्तों का ये कहना है कि यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.

यह शिवलिंग हमेशा से ही शिव भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है. खासकर सावन के महीने में दूर दूर से लोग इस शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं. 

पारे से बने इस शिवलिंग की वजह से ही मंदिर का नाम पारदेश्वर महादेव मंदिर रखा गया है. शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि पारे की शिविलंग की पूजा करने से रोग और परेशानियां दूर होती है.

इस मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार ही किया गया है. पार्देश्वर मंदिर के शिवलिंग के निचले भाग में शिवलिंग के नीचे से तांबे के तार के साथ 3 इंच के पीतल के पाइप से एक घंटी जुड़ी हुई है. 

इस घंटे को 45 फीट नीचे गड्ढा खोदकर स्थापित किया गया है, जहां से पानी को छुआ जा सकता है.

दरअसल, नीचे वो जगह है जहां नाभि होती है. इस तरह से पूरा शिवलिंग 2351 किलो पारे से तैयार किया गया है.

यह दुनिया का इकलौता ऐसा शिवलिंग है जिसका वजन 2351 किलो है. यही वजह है कि यह सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है.