क्या होती है ब्रेस्ट आयरनिंग? जिसका दंश झेल रहीं अफ्रीकी देशों की लड़कियां

आज हम आपको एक ऐसी चौंकाने वाली परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर कमसिन लड़कियों के चेस्ट को गर्म पत्थर से दागा जाता है. 

सालों से ये क्रूर परंपरा चली आ रही है. मां खुद अपनी बेटियों को इसके लिए तैयार करती है. इन लोगों का तर्क है कि ये सबकुछ लड़कियों को रेप से बचाने के लिए किया जाता है.

बता दें कि यूनाइटेड नेशन (United Nation) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 38-39 लाख के करीब ऐसी महिलाएं हैं, जो इस यातना को झेल चुकी हैं. 

रेप से बचाने के नाम पर लड़कियों को ये क्रूर यातना दी जाती है. इसके लिए गर्म लोहे और पत्थर से उनके चेस्ट को सपाट बना दिया जाता है. 

यूएन के मुताबिक, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका, कैमरून जैसे पिछड़े देशों के अलावा यूनाइटेड किंगडम में भी कई जगहों पर इस परंपरा को निभाया जाता है.

इस प्रथा को निभाने वाले लोगों का मानना है कि लड़कियों के चेस्ट को दागने से वे लड़कों की तरह दिखाई देने लगती हैं, जिससे उनके साथ रेप जैसी घटनाएं नहीं के बराबर होती हैं.

यूनाइटेड नेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में मां-बेटी मिलकर चुपके से क्रूर काम करवा लेती हैं. उनके बीच ये सीक्रेट हमेशा बना रहता है. 

छाती को सपाट बनाने के लिए 10 से 15 साल की उम्र की लड़कियों को गर्म लोहे या पत्थर से दागा जाता है, जो उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

इस परंपरा के चक्कर में वो कैंसर, फोड़े, खुजली होने के साथ-साथ अल्सर, स्तन में संक्रमण, गंभीर बुखार की शिकार हो सकती हैं. 

इतना ही नहीं, उनके शरीर से स्तन पूरी तरह से गायब भी हो सकते हैं, जिससे मां बनने के बाद काफी परेशानी उठानी पड़ेगी.