सौर तूफान सूर्य पर होने वाली एक गतिविधि है, जो पूरे सौरमंडल को प्रभावित कर सकती है.

सौर तूफान को भू-चुंबकीय तूफान के रूप में भी जाना जाता है. यह तब होता है, जब बड़े पैमाने पर सूर्य में चुंबकीय विस्फोट हो. 

ऐसा विस्फोट अक्सर कोरोनल मास इंजेक्शन (CME) और सोलर फ्लेयर के कारण होता है.  

विस्फोट से वातावरण में मौजूद आवेशित कणों की रफ्तार बढ़ जाती है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराकर भू-चुंबकीय तूफान पैदा करते हैं. 

अगर सौर तूफान की बात करें तो सूर्य की सतह पर अचानक बेहद चमकदार प्रकाश दिखाई देता है, जिसे सौर तूफान या सन फ्लेयर कहा जाता है. ये सूरज में होने वाले विस्फोट की तरह होता है.

क्या होते हैं इसके प्रभाव? बताया जाता है कि अगर सौर तूफान धरती पर पहुंचता है तो यहां अधिक ऊंताई वाले क्षेत्रों में बिजली आ सकती और रेडियो सिग्नल में दिक्कत पैदा हो सकती है. 

वहीं, जीपीएस इस्तेमाल करने में भी मुश्किल हो सकती है और इंटरनेट, फोन नेटवर्क भी प्रभावित हो सकता है.

आपको बता दें कि ऐसी चीजों से बचाने के लिए धरती के गर्भ से निकलने वाली चुंबकीय शक्तियां वायुमंडल के आस पास कवच का काम करती हैं.

मगर माना जाता है कि सौर तूफान के वक्त कई आवेशित कण इस चुंबकीय कवच को भेद देते हैं.