भारत में अलग-अलग धर्मों, जातियों और समुदायों में अलग-अलग प्रथाएं मनाने की परंपरा है. इनमें से कुछ रिवाज तो ऐसे हैं जिनके बारे में सुनकर भी अजीब लगता है.

ऐसा ही एक रिवाज बारिश होने के लिए भी है, जिसमें मेंढ़कों की शादी करवाई जाती है. जी हां, यदि बारिश नहीं होती है तो दो मेंड़कों की शादी करवाने का रिवाज है.

कोलकाता के पास खोचाकंदार में आयोजित एक हिंदू विवाह समारोह में एक महिला ने मेढ़कों का विवाह संस्कार संपन्न कराया.

दरअसल, गांव वालों ने 5000 रूपए एकत्र कर मेढकों की शादी इसलिए कराई क्योंकि उनका मानना है कि इससे इंद्र देव प्रसन्न होकर बारिश करेंगे. 

इस शादी में बाकायदा मेंढकी को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, वैदिक मंत्रों के साथ सिंदूर भरा गया. वहीं शादी में बैंड-बाजे का भी पूरा इंतजाम था.

इस रस्म में मेंढकी को बिठाकर उसके शरीर पर तेल लगाया जाता है. उसके बाद उसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है, इसके बाद उसे पानी से नहलाया जाता है.

फिर उसे शादी के दिन के लिए तैयार किया जाता है. एक बार शादी हो जाने के बाद, दुल्हन को एक सजी हुई हाथ गाड़ी में दूल्हे के घर भेजा जाता है. 

इसके बाद जोड़े को तालाब में छोड़ दिया जाता है और फिर लोग बारिश के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.

तलाक की भी है रस्म बारिश कराने के लिए जहां मेढकों की शादी कराई जाती है वहीं यदि बारिश बहुत ज्यादा हो जाती है तो उसे रोकने के लिए मेढकों का तलाक भी कराया जाता है.