बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुआ विरोध बहुत विकराल रूप ले लेगा, यह शायद शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने भी नहीं सोचा होगा. 

बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हुआ है, जिसके कारण शेख हसीना को देश तक छोड़ना पड़ गया है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये तख्तापलट होता क्या है? आइए जानते है ऐसी नौबत कब आती है और क्या होते हैं बदलाव

दरअसल तख्तापलट वो स्थिति होती है, तब बिना चुनाव के ही या फिर बलपूर्वक किसी सरकार को सत्ता से हटा दिया जाए. 

आमतौर पर कई देशों में सेना, पैरामिलिट्री या फिर विपक्षी पार्टी ही सरकारों को सत्ता से बेदखल कर देती हैं. 

इसे अंग्रेजी में कूप (Coup) कहा जाता है. कई बार जनता के विद्रोह या सिविल वॉर के हालातों के कारण भी तख्तापलट हो जाता है. 

तख्तापलट होने के बाद या तो कमान सेना के हाथ में आ जाती है या फिर सेना की मदद से अंतरिम सरकार का गठन होता है. 

जुलाई में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक मरने वालों की कुल संख्या 300 को पार कर गई, जो बांग्लादेश के नागरिक आंदोलन के इतिहास के सबसे खूनी दौर में से एक है.

छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.