आखिर क्यों खतरनाक होती है देसी शराब? यहां जान लीजिए 

दुनियाभर में शराब के शौकीन लोगों की कमी नहीं है. आपको हर जगह शराब के शौकीन लोग मिल जाएंगे.

इसमें से कुछ लोग महंगी से महंगी शराब पीना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग देसी शराब पीना पसंद करते हैं.

हालांकि खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर लोग देसी शराब का सेवन करते हैं. क्योंकि देसी शराब अंग्रेजी शराब की तुलना में काफी सस्ती होती है.

देश के अलग-अलग राज्यों में सरकारी लाइसेंस पर देसी शराब की दुकानें खुली हुई हैं.

लेकिन इसके अलावा भी कई जगहों और खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग अवैध शराब भट्टी चलाते है, जहां पर सस्ते में देसी शराब मिलती है.

कई बार अवैध शराब भट्टी में बनने वाले दारू जहरीली भी हो जाती है, जिससे कई लोगों की मौत हो जाती है.        

बता दें कि देशी और अंग्रेजी शराब की मेकिंग में कोई खास अंतर नहीं होता है. इन दोनों को ही बनाने का तरीका लगभग समान होता है.

देशी शराब को परांपरागत रूप से एक ऐसी प्रक्रिया से तैयार किया जाता है, जो दशकों से चली रही है. जिसमें ज्यादातर शीरे और अन्य कृषि उत्पादों से बनाया जाता है.         

भारत में बिकने वाली शराब का करीब दो तिहाई हिस्सा देशी शराब का है. एक जानकारी के मुताबिक भारत में देशी शराब की लगभग 242 मिलियन केस बिकते हैं.

ये देश के शराब उद्योग का करीब 30 फीसदी से अधिक है. साथ ही यह हर साल सात फीसदी की दर से बढ़ रहा है. इसमें अल्कोहल का प्रतिशत 42.5 तक ही होता है.

देशी दारू पीना नुकसानदेह भी हो सकता है, क्योंकि यह एक से अधिक बार डिस्टिल नहीं किया जाता है.