दुनिया के इस शहर में मौत का आना है मना, इतने सालों में नहीं हुई किसी की मौत

हम बात कर रहे हैं नार्वे के एक छोटे से शहर लॉन्गइयरबेन की, इस आइलैंड पर ठंड के मौसम में तापमान इतना कम हो जाता है कि

जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है और इसी कारण यहां मरने की भी इजाजत नहीं है. यहां पिछले 70 सालों में किसी की भी मौत नहीं हुई है.

अब आपको बताते हैं कि आखिर यहां मौत का आना क्यों मना है. दरअसल, ठंड के चलते डेड बॉडी कई सालों तक ऐसी की ऐसी ही पड़ी रहती है.

कड़ाके की ठंड की वजह से न तो वो गलती है और न ही सड़ती है. इस वजह से शवों को नष्ट करने में सालों लग जाता है. लंबे समय तक शव नष्ट नहीं होते.

कुछ साल पहले जब वैज्ञानिकों ने एक बॉडी पर शोध किया तो पाया कि साल 1917 में जिस शख्स की मौत इनफ्लुएंजा की वजह से हुई थी, उसके शरीर में इनफ्लुएंजा के वायरस जस के तस पड़े थे.

इससे इस इलाके में ये बीमारी फैल सकती थी. इस जांच के बाद प्रशासन ने इस इलाके में लोगों के मरने पर रोक लगा दी है. इसके बाद लोगों में खौफ हो गया था.

इंनफ्लुएंजा के वायरस जस के तस पड़े रहने से लोगों पर बिमारी का खतरा मंडराने लगा था. इसके बाद प्रशासन ने शहर में मौत पर पाबंदी लगा दी थी.

अब अगर यहां कोई व्यक्ति मरने वाला होता है या उसे कोई इमरजेंसी आती है तो उस व्यक्ति को हेलिकॉप्टर की मदद से

देश के दूसरे क्षेत्र में ले जाया जाता है और मरने के बाद वहीं उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.