क्या आपको पता है क्यों फटते हैं बादल? यहां जानें इसकी वजह...
बारिश गिरने के उच्चतम स्तर को बादल फटना कहते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार जब एक घंटे में दस सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो उसे बादल फटने की कैटेगरी में रखा जाता है.
बादल फटने से काफी कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होती है.
यानी जिस इलाके में बादल फटते हैं वहां पर भारी से अतिभारी बारिश होती है. इसकी वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं.
अमूमन बादल फटने की घटना धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखने को मिलती हैं.
बादल फटना शब्द को मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. मौसम वैज्ञानिक अपनी भाषा में इस शब्द का प्रयोग करते हैं.
इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोई बादल गुब्बारे की तरह या किसी सिलेंडर की तरह फट जाता हो.
बादल फटने का आशय यह होता कि जिस तरह पानी से भरा कोई गुब्बारा अगर फूट जाए तो जिस तरह एक साथ एक जगह बहुत सारा पानी गिरता है.
ठीक वैसी ही स्थिति बादल फटने की घटना के समय देखने को मिलती है. इस प्राकृतिक घटना को ‘क्लाउडबर्स्ट या फ्लैश फ्लड भी कहा जाता है.