क्या आप जानते हैं गाड़ी पर तिरंगा लगाने पर मिलती है सजा, जानें किसके पास है पावर
स्वतंत्रता दिवस पर अक्सर लोग अपने गाड़ियों पर तिरंगा फहराते हैं, लेकिन हर किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है.
भारतीय ध्वज संहिता 2002 के मुताबिक देश में केवल कुछ लोगों को अपने मोटर वाहन पर तिरंगा फहराने का कानूनी अधिकार है.
नेशनल फ्लैग कोड के मुताबिक तिरंगे को कहीं भी लगाते वक्त उसकी केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए. इसके अलावा फटा या मैला-कुचैला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.
वहीं भारतीय ध्वज संहिता 2002 के पैराग्राफ 3.44 के मुताबिक मोटर कारों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेषाधिकार केवल कुछ व्यक्तियों तक ही सीमित है.
इनमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल, भारतीय मिशन पदों के प्रमुख, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री,
किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष,
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष और केंद्र शासित प्रदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश,
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश नियम अपनी आधिकारिक गाड़ियों पर लगा सकते हैं.
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराने या हाथ में झंडा लेकर चलने की आजादी है, लेकिन प्राइवेट गाड़ियों पर झंडा लगाना कानूनन अपराध है.
जानकारी के मुताबिक अगर कोई इसका दोषी पाया जाता है तो उसे पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
इसके मुताबिक भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान करने पर व्यक्ति को 3 साल तक की जेल, या जुर्माना, या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं.