क्या आप जानते हैं भारत में किसे मिल सकती है शरण? यहां जानें 

भारत ने पिछले समय में शरणार्थियों का स्वागत किया है. लगभग 3 लाख लोगों को शरणार्थी के रूप में वर्गीकृत किया गया है,

जिसमें तिब्बती, बांग्लादेश के चकमा और अफगानिस्तान, श्रीलंका जैसे देशों के शरणार्थी शामिल हैं,

लेकिन भारत ने 1951 के यूएन कंवेंशन या 1967 के प्रोटोकॉल पर दस्तखत नहीं किए थे.

न ही भारत के पास कोई शरणार्थी नीति या शरणार्थी कानून है. जिसके चलते भारत को शरणार्थियों के सवाल पर अपने सभी तरह के ऑप्शन खुले रखने की इजाजत मिली हुई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में शरण लेने को लेकर कोई शरणार्थी कानून नहीं है. भारत में जानबूझकर ऐसा कानून नहीं बनाया गया है.

दरअसल, कानूनी स्थिति ये है कि हमारे देश में किसी को भी शरणार्थी या शरण की स्थिति में नहीं रखा जा सकता.

आपको जानकर हैरानी होगी कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भारत सरकार ने एक विशेष नीति के तहत शरण दी हुई है. लेकिन हमारे पास इसे लेकर कानून नहीं है.