पाकिस्तान को भारत ने कब-कब धूल चटाई? गवाह हैं ये लड़ाइयां

अंग्रेजों से आजादी मिलने से पहले तक पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा था.

मुस्लिम लीग ने अंग्रेजी हुकूमत से भारत का बंटवारा करवाकर पाकिस्तान बनवाया था.

बंटवारे से अस्तित्व में आए पाकिस्तान ने कुछ ही महीनों बाद भारत के खिलाफ सेना कश्मीर में उतार दी थी

पाकिस्तानी सेना सन् 1947-48 के दौर में ही कश्मीरी इलाकों में घुसपैठ कर कब्जा करने लगी

जब जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम शासक महाराजा हरिसिंह को पाकिस्तान के हमले की भनक लगी तो उन्होंने भारत से मदद मांगी

भारत सरकार ने कश्मीर में तब ही हस्तक्षेप करने की बात मानी जब कश्मीरी राजा ने उसका विलय करवाया

भारत में विलय होने के बाद कश्मीर में भारतीय सेना पहुंची और पाकिस्तानी लड़ाकों को खदेड़ा

हालांकि, भारतीय सेना से जवाब मिलने तक पाकिस्तान लगभग आधा कश्मीर हड़प चुका था

पाकिस्तान की कोशिश श्रीनगर तक पहुंचने की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें न केवल आगे बढ़ने से रोका बल्कि वापस भी भगाया.

जम्मू-कश्मीर राज्य के बड़े भू-भाग को कब्जाने के बाद पाकिस्तान की भारत से दूसरी जंग 1965 में हुई थी

पाक के साथ 1965 की जंग से पहले भारत ने 1962 में चीन के हमले को झेला था, इसलिए पाक हुकूमत को लगता था कि भारत पर हमला करें.

1965 में लाल बहादुर शास्त्री भारत के पीएम थे, कम संसाधनों के बावजूद भारतीय सैनिकों ने पाक को सबक सिखाया

पाकिस्तान ने तीसरी जंग 1971 में लड़ी, जिसमें उसकी करारी हार हुई, उसके कई क्षेत्र भारतीय सेना के नियंत्रण में आ गए

भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों से सरेंडर करवाया और बंदी बनाकर कई महीने यहीं रखा

बाद में भारत के साथ पाकिस्तानी हुकूमत ने शिमला एग्रीमेंट साइन किया, जिसके बाद जम्मू कश्मीर में LOC का निर्धारण हुआ

LOC का मतलब है लाइन ऑफ कंट्रोल. यानी कश्मीर का जो इलाका पाक के कब्जे में चला गया, उस पर उसका कंट्रोल हो गया.

कश्मीर का कुल क्षेत्रफल 22,22,36 वर्ग किमी है..लेकिन अब लगभग 1 लाख वर्ग किमी पर ही भारत का कंट्रोल है.

1971 की हार के बावजूद पाकिस्तान ने 1999 में जम्मू कश्मीर की चोटियों पर सैनिक भेजकर हमला किया.

1999 में पाकिस्तान के साथ हुई उस जंग को 'कारगिल की लड़ाई' के रूप में जाना जाता है, जिसमें भी पाक की करारी हार हुई.