क्या आपको मालूम है ज्यादातर अंग्रेजों के बाल क्यों होते हैं सुनहरे? जानें वजह

अगर आप बालों को वैज्ञानिक तरीके से देखें तो बालों का कलर उनमें मौजूद मेलानिन नाम के पिगमेंट से तय होता है.

आपको बता दें कि मेलानिन दो तरह का होता है, जिसमें से एक यूमेलानिन है. ये बालों को गहरे रंग का बनाता है, जैसे काला या भूरा.

वहीं दूसरा है फीओमेलानिन. ये बालों का हल्का रंग का बनाता है, जैसे सुनहरा या फिर लाल.

दरअसल, सुनहरे बालों में फीओमेलानिन की मात्रा ज्यादा होती है और यूमेलानिन की मात्रा कम होती है, जिसकी वजह से बालों का रंग हल्का हो जाता है.

इसी की वजह से बालों का रंग हल्का हो जाता है. इसे एक आनुवंशिक विशेषता के तौर पर भी देखा जा सकता है, जो यूरोप के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है.

आपको बता दें, सुनहरे बाल विशेष रूप से उत्तरी यूरोप में ज्यादा पाए जाते है.

माना जाता है कि यह आनुवंशिक विशेषता पिछली बर्फीली युग  के दौरान यहां के इंसानों में विकसित हुई.

दरअसल, उस समय उत्तरी यूरोप की ठंडी और बिना धूप वाली जलवायु में लोगों को अधिक विटामिन डी की जरूरत थी, जिसे शरीर सूरज की रौशनी से प्राप्त करता था.