आपको मालूम है सिर्फ सुबह के वक्त ही क्यों दी जाती है फांसी? जानिए असली वजह
दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी बड़े और जघन्य अपराधों के लिए फांसी की सजा दी जाती है.
देश में अंग्रेजों के समय से ही फांसी की सजा हमेशा ही सुबह के समय दी जाती रही है.
लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर किसी अपराधी को सुबह सूर्योदय से पहले ही फांसी पर क्यों चढ़ा दिया जाता है.
मौत की सजा पा चुके अपराधियों को तड़के सुबह फांसी पर चढ़ाने की कई वजह हैं.
दरअसल, जेल मैनुअल के तहत जेल के सभी का सूर्योदय के बाद ही किए जाते हैं. फांसी की वजह से और जेल से जुड़े दूसरे कामों में कोई बाधा न आए इसलिए सबसे पहले इसी काम को अंजाम दिया जाता है.
अधिकतर धर्मों में सुबह को पवित्र समय माना जाता है. यह मान्यता भी है कि आत्मा को मुक्ति इसी समय मिलती है.
कुछ लोगों का मानना है कि सुबह के समय कैदी को कम पीड़ा होती है और वह शांत रहता है.
सुबह के समय गवाहों और अधिकारियों को इकट्ठा करना आसान होता है. जिस दिन अपराधी को फांसी पर चढ़ाना होता है उससे 10-15 दिन पहले खास प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया जाता है.
जमीन से करीब 4 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर क्रिमिनल को एक लकड़ी के पटरे पर खड़ा किया जाता है.