यहां पर निभाई जाती है अलग रस्म, शादी से पहले फाड़ दिए जाते हैं लड़के के कपड़े
यह परंपरा सिंधी समाज में होती है, जो लड़के की शादी से पहले अपनाई जाती है
इस को लेकर मान्यता भी अलग-अलग हैं. कोई इसे शुभ सगुन मानता है तो कोई गृहस्थ जीवन जीने की सीख
दूल्हा जब बरात के लिए तैयार होता है तो दूल्हे के नहाने से पहले यह रस्म निभाई जाती है
दूल्हे को एक जगह पर बैठाया जाता है. इसके बाद रिश्तेदार और दोस्त मिल कर दूल्हे के कपड़े फाड़ते है
रस्म को लेकर समाज के बुजुर्गों बताते है कि यह रस्म दूल्हे को नए गृहस्थ आश्रम में प्रवेश के साथ आने वाली कठिनाईयों की सीख देती है
वहीं सिंधी समाज में मान्यता ये भी है कि अगर समाज के किसी लड़के की शादी में रुकावट आ रही हो या उसकी शादी में देर हो रही हो,
तो ऐसे लड़के को अगर दूल्हों के कपड़े फाड़ने का मौका मिलता है, तो उसकी शादी हो जाती है
इस मान्यता के चलते इस रस्म को निभाने में समाज के कुंआरे लड़के आगे रहते हैं