अखबार बांटे, दूध बेचा... और फिर कारों के कलेक्शन में टाटा, मुकेश, अडानी को भी पीछे छोड़ा — कौन है ये भारतीय?

भारत की इकोनॉमी में आए जबरदस्त उछाल की वजह से देश में अमीरों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. 

हर साल नए-नए अमीर इस लिस्ट में जुड़ते चले जाते हैं. मगर, इनमें से कुछ की कहानी इतनी रोचक होती है कि लोगों को हैरान कर देती है. 

कुछ ऐसा ही सफर रहा है रमेश बाबू (Ramesh Babu) का, जो कभी लोगों के बाल काटते थे और आज 400 कारों के साथ लगभग 1200 करोड़ रुपये के मालिक हैं. 

रमेश बाबू कार रेंटल इंडस्ट्री के एक नामचीन शख्स हैं. उनके पास मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और रतन टाटा (Ratan Tata) से भी ज्यादा कारें हैं. 

रमेश बाबू को सेल्फ मेड बिलेनियर माना जाता है. उनके पास दुनिया की सबसे लग्जरी कारें मौजूद हैं. उनके पास पैतृक संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं था. 

उन्होंने गरीबी से जूझ रहे अपने परिवार के लिए 13 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने अखबार बांटे, दूध बेचा और पिता की सड़क किनारे की नाई की दुकान भी चलाई. 

इन सभी कामों के साथ ही रमेश बाबू ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की.

रमेश बाबू ने साल 1993 में बेंगलुरु में टूर एंड ट्रैवल्स की कंपनी शुरू की. शुरुआत में उन्होंने खुद गाड़ी चलाई और बाद में अपनी कंपनी में ड्राईवर्स भी रखे.

साल 2004 में उन्होंने अमीर क्लाइंट्स की ओर ध्यान दिया. इसके साथ ही उनके बेड़े में जुड़ी मर्सेडीज बेंज ई क्लास सेडान, जो कि उनकी पहली लग्जरी कार थी. 

आगे चलकर रमेश बाबू ने रोल्स-रॉयस घोस्ट को भी अपने कलेक्शन में शामिल किया. देखते ही देखते इनके पास 400 कारें हो गईं. 

इन कारों की लिस्ट में रोल्स-रॉयस से लेकर मर्सिडीज का नाम शामिल है. इन सभी गाड़ियों की कीमत 1200 करोड़ रुपये के करीब है.