Tirupati Temple: अंग्रेजों के जमाने में कौन करता था तिरुपति मंदिर की देख-रेख? अब किसके पास है जिम्मेदारी?

हिंदुओं में प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लड्डूओं में डाले जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी मिली होने की खबरें आ रही हैं, केंद्र सरकार इस मामले की जांच कराएगी.

तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद के बीच बहुत-से लोग अब इस मंदिर के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर कुछ न कुछ सर्च कर रहे हैं.

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश में तिरुपति जिले के पहाड़ी शहर तिरुमला में स्थित है, इसकी देख-रेख आंध्र प्रदेश की सरकार करती है .

अब यदि सवाल ये उठे कि अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान इस प्राचीन मंदिर की देख-रेख कौन करता था, तो इसका जवाब आपको अगली स्लाइड में मिलेगा

अंग्रेजों ने इस मंदिर की देख-रेख का जिम्मा 1843 में हाथीरामजी मठ के महंतों को दिया था

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1933 तक तिरुपति मंदिर की देख-रेख हाथीरामजीयों को दे रखी थी, छह पीढ़ियों तक उन्होंने ही जिम्मेदारी संभाली

तिरुमाला-तिरुपति नाम की प्रबंधन समिति ने 1951 तक तिरुपति मंदिर की देख-रेख की, अब यह मंदिर तिरुमला तिरुपती देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित है, जो आंध्र प्रदेश सरकार के अधीन आता है.

पिछले दिनों राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB) के तहत सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड लैब की रिपोर्ट में हुए खुलासे में यह बात सामने आई है कि तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में पशु-चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है.