पृथ्वी से चंद्रमा कई लाख किलोमीटर दूर है, अंतरिक्ष में ये दोनों हमेशा चक्कर लगाते रहते हैं, इसलिए इनकी दूरी घटती-बढ़ती रहती है
आज हम आपको बताएंगे कि चांद पर जाने वाले लोग (जिन्हें एस्ट्रोनॉट्स कहा जाता है) वहां से किस तरह धरती पर वापस आते हैं
जब एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी से चंद्रमा पर जाते हैं तो बहुत ताकतवर रॉकेट के जरिए उनके स्पेसक्रॉफ्ट को लांच करके अंतरिक्ष में भेजा जाता है
पृथ्वी से चंद्रमा 3,84000 किलोमीटर दूर है, और चूंकि वे अपनी धुरी पर पलायन करते रहते हैं तो एस्ट्रोनॉट्स को चंद्रमा पर पहुंचने में काफी दिन लग जाते हैं
एस्ट्रोनॉट्स जिस स्पेसक्राफ्ट से चंद्रमा पर जाते हैं, उसका इंजन स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा के पलायन वेग तक पहुंचाने में सक्षम होता है, जो उसे आसानी से 2.4Km प्रति सेकंड की गति तक पहुंचा सकता है
अमेरिका की एजेंसी NASA का मानव अंतरिक्ष यान, जिसे अपोलो मिशन (1968 to 1972) के तहत चांद पर भेजा गया था, वो भी चंद्रमा से धरती पर सकुशल लौटा था.