ये है देश का वो गांव जहां लोग खाना भारत में खाते हैं और सोते विदेश में हैं, जानें नाम
नागालैंड का एक लोंगवा गांव है, जो मोन जिले के सबसे बड़े गांवों में आता है.
राज्य के सबसे उत्तरी भाग में स्थित, मोन जिला नागालैंड के 11 जिलों में से एक है. इस गांव के बीच से भारत-म्यांमार सीमा होकर गुजरती है.
लोंगवा गांव के निवासियों को दोहरी नागरिकता का लाभ मिलता है और उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने की आजादी है.
ये सीमा ग्राम प्रधान के घर से होकर गुजरती है, जो इसे दो हिस्सों में विभाजित करती है, एक भारत में और दूसरी म्यांमार में.
ग्रामीणों को सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है. बल्कि वो तो दोनों देश में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं.
इस गांव में ज्यादातर लोगों के घरों की किचन भारत की सीमा के अंदर हैं. वहीं, बेडरूम म्यांमार में आता है.
नागालैंड के लोग काफी मिलनसार हैं. इस गांव के कुछ स्थानीय लोग भी म्यांमार सेना में शामिल हैं. लोंगवा गांव के लोग कोन्याक जनजाति के हैं.