Road of Bones: इस देश में इंसानों की हड्डियों से बना हाईवे

दुनिया में हजारों साल से सड़कें बनाई जा रही हैं. इन्हीं सड़कों के किनारे कहीं शहर हैं, तो कहीं खूबसूरत जंगल, नदियां, गांव-कस्बे.

इस सड़क से गुजरते वक्त लोगों की रूह कांप जाती है. मजबूत दिल वालों की हिम्मत भी जवाब दे जाती है.

दरअसल, इस हाईवे का निर्माण 1930 में शुरू हुआ था. सड़क बनाने के लिए बंधुआ मजदूरों और कैदियों को काम पर लगाया गया.

छोटे-मोटे अपराधों और राजनैतिक बंदियों के साथ ही सोवियत संघ के कई वैज्ञानिक भी इन बंधुआ मजदूरों में शामिल थे.

इस बर्फीले इलाके में सड़क बनाना आसान नहीं था. जिन कैदियों को वहां भेजा जाता, वे ठंड से ठिठुर कर वहीं मर जाते.

सड़क के किनारे ही उनपर मिट्टी डालकर दूसरे कैदियों को काम पर लगा दिया जाता. कोई कैदी भागने की कोशिश करता, तो जंगली भालू उसका शिकार कर लेते.

इन हालातों में यहां से बचकर निकलना लगभग नामुमकिन था. काम पर लगाए गए कैदियों में से सिर्फ 20 फीसदी की ही जान बच पाती थी.

ठंड बढ़ने पर जब बर्फ ज्यादा हो जाती तो गाडियां सड़क पर फिसलने लगतीं तब हादसे रोकने के लिए इंसानों की हड्डियां भी निर्माण सामग्री में मिलाकर सड़क पर डाली जाने लगीं, ताकि गाडियां बर्फ में फिसलें नहीं.