दक्षिण एशियाई देश लेबनान में इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद वैश्विक स्तर पर हड़कंप मच गया है. 

इसी बीच दुनिया के सबसे बड़े मिलिशिया संगठनों में से एक हिजबुल्लाह की कमान एग्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रमुख हाशेम साफीद्दीन को सौंपी गई है. 

हसन नसरल्लाह का चचेरे भाई हाशेम साफीद्दीन हिज्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों को देखता आया है. 

लेबनान में जन्मा साफीद्दीन हिजबुल्लाह की एक्जीक्यूटिव शुरा काउंसिल का 'प्रमुख सदस्य' है और उसके बेटे की शादी शीर्ष ईरानी जनरल की बेटी से हुई है. 

इसके अलावा वह जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है, जो संगठन के मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग करती है. हाशिम काली पगड़ी पहनता है. 

जिस वक्त नसरल्लाह ने हिजबुल्लाह के चीफ का पद संभाला, उसके दो साल बाद ही साफीद्दीन को बेरूत वापस बुलाया गया. 

ये वो वक्त था जब साफीद्दीन ईरान में पढ़ाई कर रहा था. इसके बाद साफीद्दीन को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए हिज्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व सौंपा गया. 

हाशेम खुद को पैगम्बर मोहम्मद का वंशज बताता है, लेकिन यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने 2017 में उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था. 

रिपोर्ट की मानें तो हाशेम साफीद्दीन बीते तीन सालों से हिज्बुल्लाह के सभी कामों को देख रहा है और उसका अनुभव उसकी दावेदारी को मजबूत करता है. 

साफीद्दीन के ईरान से भी काफी अच्छे रिश्ते बताए जाते हैं. अहम ये है कि हिज्बुल्लाह में शीर्ष नेतृत्व का जिम्मा संभालने के लिए ईरान का समर्थन बेहद जरूरी होता है.

सबसे खास बात हाशेम साफीद्दीन ने ईरान में रहकर शिक्षा हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक, साफीद्दीन के भाई अब्दुल्ला की बतौर हिज्बुल्लाह दूत तेहरान में तैनाती है.