वो हिंदू राजा जिनसे थर-थर कांपते थे अंग्रेज, जीत नहीं पाए कोई जंग

अंग्रेज जब भारत आए थे तो वह मुगल/राजाओं को डरा धमकाकर उनसे संधियां कर रहे थे. 

ऐसे में एक हिंदू महाराजा ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला और उन्हें देश से बाहर निकाल फेंकने की ठान ली. 

वो भारतीय शासक इतना महान था , फिर भी इतिहास के पन्नों में वो कहीं खोया हुआ है. उसके बारे में आज भी बहुत लोगों को जानकारी नहीं है. उसका नाम आज भी लोगों के लिए अनजान है. 

जिस महाराजा की हम बात कर रहे हैं उसका नाम यशवंत राव होलकर था. 

यह उस महान वीरयोद्धा का नाम है, जिसकी तुलना विख्यात इतिहास शास्त्री एन एस इनामदार ने 'नेपोलियन' से की है.

महाराजा यशवंत होलकर ने अग्रेजों की चाल समझ ली थी इलिए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को देश से उखाड़ फेंकने की ठान ली. 

महाराजा यशवंत के आगे अंग्रेजों की एक भी नहीं चली और उन्होंने घुटने टेक दिए. 

महाराजा यशवंत होलकर इकलौते ऐसे राजा थे जो अंग्रेज शांति समझौता लेकर आए थे. 

हालांकि उसके बाद भी महाराजा यशवंत ने उनसे संधि करने से इंकार कर दिया था. इलिए उन्हें भारत के नेपोलियन की संज्ञा दी गई.