अपनी 182 साल पुरानी घुड़दौड़ परंपरा को सिंगापुर ने कहा अलविदा, जानें वजह 

जमीन की कमी से जूझ रहे सिंगापुर ने शनिवार को घुड़दौड़ की 182 साल पुरानी ब्रिटिश युग की परंपरा को अलविदा कह दिया.

क्रांजी के प्रतिष्ठित सिंगापुर टर्फ क्लब (एसटीसी) रेसकोर्स ने आवास और अन्य विकास परियोजनाओं को जगह देने के लिए अपने दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए.

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एसटीसी के बंद होने से पहले शनिवार को आखिरी दौड़ के लिए हजारों घुड़दौड़ के शौकीन यहां पहुंचे.

सिंगापुर में एसटीसी 182 साल से घुड़दौड़ के शौकीनों का पसंदीदा ठिकाना रहा. एसटीसी ने अपने 182 साल के सफर को 10 दौड़ों की भव्य विदाई के साथ खत्म किया.

इसका समापन 1.38 मिलियन सिंगापुर डॉलर के ग्रैंड सिंगापुर गोल्ड कप से हुआ. एसटीसी रेसकोर्स की 124 हेक्टेयर भूमि मार्च 2027 तक सिंगापुर सरकार को वापस कर दी जाएगी. 

सिंगापुर में घुड़दौड़ की शुरुआत 180 साल पहले स्कॉटिश व्यापारी विलियम हेनरी मैकलियोड रीड ने की थी. बाद में 1924 में इसका का नाम बदलकर एसटीसी कर दिया गया. 

रेसिंग में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए एसटीसी ने अपना रेसकोर्स बेचा और 15 अप्रैल, 1933 में सिंगापुर के गवर्नर सर सेसिल क्लेमेंटी ने बुकिट तिमाह में एक नया रेसकोर्स खोला. आखिर में 1999 में इसे क्रांजी में स्थानांतरित कर दिया गया. 

बीते कुछ पिछले कुछ वर्षों में इसने युवा ओलंपिक खेलों के आयोजन सहित दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सहित गणमान्य लोगों की मेजबानी की है.

एसटीसी में भारतीय मूल के ट्रैक प्रमुख आर जयराजू ने कहा कि उन्हें एसटीसी की आखिरी रेस की आयोजन समिति का हिस्सा होने पर बहुत गर्व है.