भारत के इस मंदिर में हुआ था शिव-पार्वती का विवाह, जानें कहां पर है स्थित

आइए आज हम आपको बताते हैं भोले शंकर और मां पार्वती के विवाह स्थल के बारे में...

पुराणों के मुताबिक भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के त्रियुगीनारायण गांव में गंगा और मंदाकिनी सोन के संगम पर संपन्न हुआ था

मान्यता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में सदियों से अखंड अग्नि जलती आ रही है

भगवान शंकर और माता पार्वती ने विवाह के समय अखंड अग्नि में भगवान नारायण को साक्षी मानकर फेरे लिए थे

तभी से यहां हर साल हजारों की संख्या में भक्त भगवान नारायण और अखंड अग्नि के दर्शनों को पहुंचते हैं

यहां सालभर मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुले रहते हैं और भगवान नारायण की पूजा नियमित की जाती है

शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर केदारनाथ धाम यात्रा पड़ाव सोनप्रयाग से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं. साथ ही भगवान नारायण से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी करते हैं