इतनी ठंडी जगह होने के बावजूद बद्रीनाथ के इस कुंड में रहता है गर्म पानी? जानें

हिंदू धर्म में बद्रीनाथ धाम का एक बड़ा महत्व है. यह उत्तराखंड के चार धामों में से एक है.

ऐसी मान्यता है कि यहां पर दर्शन के लिए जाने वाले भक्त बिना तप्त कुंड में नहाए बिना बद्री विशाल के दर्शन नहीं करते हैं. इस तप्त कुंड की खास यह बात है कि यहां का पानी हमेशा गर्म रहता है.

अब सवाल उठता है कि जब आसपास का वातावरण बर्फीला है तो तप्त कुंड का पानी इतना गर्म या खोलता हुआ क्यों रहता है? आइए जानते हैं...

तप्त कुंड के पानी को गर्म होने के पीछे वैज्ञानिक मान्यता है कि भूतापीय ऊर्जा की वजह से यहां का पानी प्राकृतिक रूप से गर्म होता है. यहां गंधक का एक बड़ा स्रोत है, जिसकी वजह से पानी हमेशा उबलता रहता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि तप्त कुंड के नीचे सल्फर की बड़ी मात्रा है, जिस कारण यहां की जमीन हमेशा गर्म रहती है और इसके ऊपर पानी के जमाव से पानी भी उबलता रहता है.

जमीन के नीचे सल्फ़र के जमाव के पास से आने वाले इस पानी में कई औषधीय गुण होते हैं. तप्त कुंड, बद्रीनाथ मंदिर के बहुत करीब स्थित एक प्राकृतिक तापीय झरना है.

इसका नाम संस्कृत में 'गर्म पानी का झरना' होता है. यहां का पानी साल भर गर्म रहता है. चाहे कितनी भी बर्फ पड़े या- 100 डिग्री सेंटीग्रेड में टेंपरेचर चला जाए फिर भी यहां का पानी गर्मी ही रहता है.

बता दें कि बद्रीनाथ मंदिर चारों तरफ से बर्फ़ के पहाड़ों से घिरा हुआ है और यहां का तापमान साल भर ठंडा रहता है.

धार्मिक मान्यता यह है कि तप्त कुंड में स्नान करने से शरीर की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसे भगवान अग्निदेव का निवास स्थल माना जाता है.