नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने वाले लोग साबूदाने का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. साबूदाने की खिचड़ी से लेकर पकौड़ी, टिक्की जैसी चीजें खाई जाती हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर साबूदाना बनता किस चीज से है. क्या ये कोई अनाज है? आइए आपको बताते हैं.

साबूदाना किसी अनाज से नहीं बनता है, बल्कि यह सागो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है. ये मूलरूप से पूर्वी अफ्रीका का पौधा है.

भारत सहित कई साउथ ईस्ट एशियन देशों में इसे टैपियोका से बनाया जाता है जिसे कसावा रूट (कंद) भी कहा जाता है.

साबूदाना असल में इन पेड़ों के स्टार्च से बनता है जिसे मोतियों के रूप में प्रोसेस किया जाता है. साबूदाने का साइज क्या होगा ये स्टार्च निकालने वाले पेड़ पर निर्भर करता है.

सबसे पहले कंद को मशीनों में धोया जाता है और फिर उसका छिलका निकाला जाता है. कई साबूदाना फैक्ट्री में ये प्रोसेस हाथ से किया जाता है.

कंद को क्रश करने के बाद उसका जूस निकलता है जो कुछ दिन तक स्टोर किया जाता है. इसे स्टोर करने के बाद भारी स्टार्च नीचे रह जाता है और पानी ऊपर आ जाता है.

स्टार्च को एक मशीन में डाला जाता है जो इसे प्रोसेस करती है. छलनी जैसे छेदों वाली ये मशीन इस स्टार्च को साबूदाना पर्ल्स में बदल देती है.

ये पर्ल्स अभी रफ होते हैं और इसे ग्लूकोज और अन्य स्टार्च से बने पाउडर से पॉलिश किया जाता है. फिर इन्हें पैक किया जाता है और फिर ये साबूदाना पर्ल्स बाज़ार में बिकने के लिए जाते हैं.

सबसे जरूरी बात आपको बता दें साबूदाना नॉन वेज नहीं होता है और इसे कई लोग उपवास में सिर्फ इसलिए नहीं खाते हैं क्योंकि ये बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड होता है.