क्यों इमरजेंसी लैंडिंग से पहले हवा में विमान का तेल गिरा देते हैं पायलट?

हवाई सफर में कभी-कभी ऐसे हालात भी बन जाते हैं, जब पायलट को हवा में उड़ते हुए ही विमान का सारा तेल गिराना पड़ता है.

हालांकि, ऐसे हालात बहुत कम बार बनते हैं, लेकिन इमरजेंसी के दौरान पायलट को ऐसा करना पड़ता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि जब पायलट विमान का तेल आसमान में ही गिरा देता है तो उस तेल के धरती पर गिरने पर कैसी मुश्किल खड़ी होती होगी.

तो इसका जवाब है कि प्लेन से आसमान में गिराया गया तेल धरती पर पहुंचता ही नहीं है बल्कि हवा में ही धुआं बनकर उड़ जाता है.

अब एक सवाल यह बनता है कि इमरजेंसी लैंडिंग से पहले ‘फ्यूल डंपिंग’ क्यों की जाती है?

दरअसल, विमान में तेल का वजन काफी ज्यादा होता है जिसकी वजह से इमरजेंसी लैंडिंग करने में मुश्किल हो सकती है.

इसलिए इमरजेंसी लैंडिंग करने से पहले विमान का तेल गिराकर उसका वजन हल्का किया जाता है. प्लेन एक निश्चित वजन के साथ ही लैंड कर सकता है.

इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान अगर विमान में ज्यादा तेल भरा होगा, जिससे उसका वजन ज्यादा होने के कारण संभव है कि वह तेजी से धरती पर धक्का मारे और बड़ा हादसा हो सकता है.