पैंगोंग झील के पास नई बस्ती बसा रहा चीन, सैटेलाइट तस्वीरों ने खोली पोल

भारत जहां एक तरफ डिप्लोमैटिक तरीके से सीमा पर बढ़ रहे तनाव को कम करने का प्रयास कर रहा है, वहीं चीन सीमा के नजदीक तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है.

हाल ही में जो सैटेलाइट तस्वीरें हासिल हुई हैं, उनमें साफ-साफ दिख रहा है कि पैंगॉन्ग झील के पास चीन ने उत्तरी किनारे पर काफी ज्यादा निर्माण कर लिया है.

24 अप्रैल 2020 में जिस जगह पर चीन और भारत के जवानों के बीच संघर्ष हुआ था, उस जगह से ये नई कॉलोनी मात्र 38 किलोमीटर दूर है. लेकिन पैंगॉन्ग झील के पास ही है.

इस जगह पर चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर विवाद है. दोनों का अपना-अपना मत है. वैसे ये निर्माण कार्य चीन के स्वामित्व वाले तिब्बत में किया गया है.  

लेटेस्ट सैटेलाइट तस्वीर अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजी ने 9 अक्टूबर 2024 को ली है. जिसमें करीब 17 हेक्टेयर जमीन पर चीन निर्माण कार्य करता दिख रहा है.

यह नई कॉलोनी येमागोऊ रोड के नजदीक है. जिसकी ऊंचाई करीब 4347 मीटर है. यानी करीब 14262 फीट.

तक्षशिला इंस्टीट्यूटशन में जियोस्पेशियल रिसर्च प्रोग्राम की प्रमुख और प्रोफेसर डॉ. वाई नित्यानंदनम ने बताया कि चीन यहां पर 100 से ज्यादा इमारतें बना रहा है. इसमें रिहायशी इमारतें, प्रशासनिक इमारतें दिख रही हैं.

आसपास के खुले इलाकों में भविष्य में पार्क या खेलकूद की फैसिलिटी बन सकती हैं. इस जगह के दक्षिण-पूर्व में एक 150 मीटर लंबी स्ट्रिप है, संभावना है कि वहां पर हेलिकॉप्टर के लिए हेलीपैड बनाए जाएं.

नए निर्माण को देखकर लगता है कि ये अप्रैल 2024 में शुरू हुआ है. यह जगह एक ढलान है. यह कॉलोनी दो हिस्सों में बंटी है. पहले एडमिनिस्ट्रेटिव और दूसरी ऑपरेशनल जोन.

परछाइयों की स्टडी से पता चलता है कि इमारतें एक और दो मंजिला ऊंची हैं. कुछ छोटी रिहायशी इमारतें भी तैयार की गई हैं. ताकि उसमें 6-8 लोग रह सकें.

बड़ी इमारतों में एडमिनिस्ट्रेटिव काम होता है. या फिर वो स्टोरेज फैसिलिटी हैं. इस पूरी कॉलोनी में सीधी रेखा में निर्माण करने के बजाय Rows में निर्माण किया गया है, ताकि लंबी दूरी के हमलों से बचा जा सके.