ड्रिंक खत्म होने के बाद दांत से कांच का गिलास चबाते हैं पैरा कमांडो? जानें वजह

जैसा कि सभी जानते हैं पैरा कमांडो की ट्रेनिंग दुनिया में सबसे ज्यादा मुश्किल होती है, जिसमें वो हर दर्दनाक चीज से गुजरते हैं.

शायद ये सोचकर भी आम इंसान की चीख निकल जाए. इस ट्रेनिंग के दौरान जवानों को भूखा रखा जाता है. उन्हें मानसकि और शारीरिक रूप से टॉर्चर किया जाता है.

न ही उन्हें सोने दिया जाता है और न ही थकान दूर करने का मौका दिया जाता है. इतनी खतरनाक ट्रेनिंग के बाद उन्हें गुलाबी टोपी दी जाती है.

इसके बाद उन्हें बेहद खास चीज मिलती है और वो होता है बलिदान बैज. बता दें पैरा कमांडो का ग्लास ईटर्स भी कहा जाता है. यानी उन्हें कांच तक खाना पड़ता है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि पैरा कमांडो को गुलाबी टोपी देने के बाद रम से भरा ग्लास दिया जाता है,

जिसका कोना काटकर उन्हें मुंह में चबाना और फिर निगलना पड़ता है, इसके बाद ही उन्हें बलिदान बैज मिलता है.

यह न केवल उनके साहस और आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में भी मदद करता है.

 जब वो गिलास को तोड़ते हैं, तो यह दर्शाता है कि वो किसी भी स्थिति का सामना कर सकते हैं, चाहे वो कितनी भी कठिन क्यों न हो.

ग्लास को तोड़ने के बाद, कमांडो उसे चबाते हैं. यह प्रक्रिया उन्हें यह सिखाती है कि मुश्किल के समय में कैसे शांत रहना है.