क्या आपको मालूम है क्या होती है अहोई अष्टमी? यहां जानें इसका क्या होता है महत्व
जैसा कि सभी जानते हैं इस साल 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा.
इसी दिन पुष्य नक्षत्र का महायोग है. साथ ही अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा. इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है
आपको बता दें कि अहोई का अर्थ अनहोनी को होनी बनाना और किसी अप्रिय घटना से बचाना भी होता है
इस दिन माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए उपवास रखती हैं. यह व्रत करवा चौथ के समान ही उपवास रखकर किया जाता है और रात में तारों को देखने के बाद व्रत खोला जाता है
बता दें कि अहोई अष्टमी के दिन रात में चंद्रोदय बहुत देर से होता है. मान्यतानुसार कुछ स्थानों पर शाम के समय तारों को देखने के बाद यह व्रत खोला जाता है,
तो कुछ महिलाएं चंद्रमा दर्शन के बाद ही व्रत को खोलती है. यह व्रत उत्तर भारत में ज्यादा प्रसिद्ध है
अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है. ऐसा करने से संतान को लंबी आयु का वरदान तथा समृद्धि प्राप्त होती है
अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते हैं. यानी की आप भी तारों के निकलने के बाद ही अपने उपवास खोलें, तभी पानी या भोजन ग्रहण करें
और इस दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को पास बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वो प्रसाद उन्हें खिलाएं