गर्मी के मौसम में नारियल पानी का सेवन काफी लोग करते हैं. यह न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है.

डॉक्टर भी अक्सर नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नारियल के अंदर इतना पानी आखिर कहां से आता है?

नारियल एक ऐसा फल है, जो चारों ओर से पूरी तरह बंद होता है, फिर भी इसके अंदर इतना पानी कैसे भरा होता है.

नारियल के अंदर जो पानी होता है, वह असल में पौधे का एंडोस्पर्म होता है. नारियल का पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से मिट्टी से पानी और पोषक तत्व खींचता है.

यह पानी जड़ों से होते हुए नारियल के फल तक पहुंचाया जाता है. नारियल के अंदर की कोशिकाएं इस पानी को फल में अब्सॉर्ब करती हैं.

जब यह पानी एंडोस्पर्म में घुलता है, तो नारियल का अंदरूनी हिस्सा धीरे-धीरे गाढ़ा होने लगता है.

जैसे-जैसे नारियल पकता है, यह पानी धीरे-धीरे सूख जाता है और अंदर की सफेद गिरी बन जाती है, जिसे हम खाते हैं.

कच्चे हरे नारियल में यह एंडोस्पर्म तरल रूप में होता है, जबकि पकने के बाद यह ठोस अवस्था में बदल जाता है.

नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो थकान और डिहाइड्रेशन से बचाता है. इसे नेचुरल स्पोर्ट्स ड्रिंक भी माना जाता है.