भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. भारतीय रेलवे में रोजाना लगभग ढाई करोड़ यात्री सफर करते हैं. 

अगर आप ट्रेन से आए दिन सफर करते हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि रेल में किन सामानों को साथ ले जाने पर सख्त पाबंदी है. 

सामान की बात करें तो सबसे पहले ज्वलनशील पदार्थ जैसे- पेट्रोल-डीजल और केरोसीन लेकर ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते हैं. 

इसके अलावा पटाखे, खाली और भरे गैस सिलेंडर, सिगरेट और बारूद ले जाना सख्त मना है. यात्रियों को ट्रेन के डिब्बे या स्टेशन पर सिगरेट पीना मना है. 

ऐसा कोई संक्षारक पदार्थ, जो आग लगने का कारण बने, उसे सफर के दौरान ट्रेन में नहीं ले जाया जा सकता है

ट्रेन में मृत मुर्गी और खतरनाक केमिकल साथ में लेकर यात्रा करना मना है. इसके अलावा लगेज के तौर पर एक निश्चित सीमा तक सामान ले जाना ट्रेन में मुफ़्त है. 

लेकिन तय लिमिट से ज्यादा सूटकेस व सामान नहीं ले जाया जा सकता है. रेलवे ने इसे लेकर कुछ नियम बनाए हैं. वहीं, यात्रा के दौरान कोई स्कूटर और साइकिल जैसा वाहन भी नहीं ले जा सकते हैं.

इसके अलावा रेलवे के एसी स्लीपर कोच, एसीसी चेयर कार कोच स्लीपर क्लास और द्वितीय श्रेणी कोच में कुत्तों को ले जाने की अनुमति नहीं है. 

यदि कोई यात्री यह नियम तोड़ा है तो उसे तुरंत ब्रेक-वैन से हटा दिया जाएगा. इसके अलावा लगैज स्केल रेट के हिसाब से 6 गुना शुल्क वसूला जाएगा.

अगर कोई यात्री इन नियमों को तोड़ता है, रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध है, जहां अपराधी को रेलवे अधिनियम की धारा 165 के तहत 3 साल तक की जेल या 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.