भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं. 

पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर यानी शनिवार को रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है.

इस ति​थि का समापन 3 नवंबर रविवार को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा. 

3 नवंबर को भाई दूज के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. उस दिन सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11 बजकर 40 मिनट तक है. 

उसके बाद से शोभन योग बन रहा है, जो पूरी रात तक है. ये दोनों ही योग शुभ हैं. भाई दूज के शुभ मुहूर्त के समय शोभन योग बना है. 

भाई दूज मनाने के पीछे यम और यमुना से जुड़ी एक पौराणिक कहानी है. क्या आप जानते हैं? अगर नहीं तो यहां जान लीजिए. 

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था. उनके एक पुत्र यमराज और एक पुत्री यमुना थी. 

यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई से शिकायत की थी कि वे उनके घर नहीं आते हैं. इस पर यमराज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना के घर गए, जिससे वे काफी खुश हुईं. 

मान्यता है कि इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना को वरदान दिया था कि जो भी भाई इस तिथि को अपनी बहन के घर जाएगा, उसे यम का भय नहीं होगा.